Wednesday, March 2, 2011

जन्म का नाता रहा है

आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है ,
प्यार की गहराइयों का, राज बतलाता रहा है।


मौन मत बैठो कहो कुछ, आज मौसम है सुहाना,
कलखी धुन ने बजाया, प्यार का मीठा तराना,
एक सम्मोहन धरा की, मूक भाषा बोलती है,
और नभ दे दुंदुभी, नवरागिनी गाता रहा है।
आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है।।


प्यार का मकरन्द भरकर, बादलों का टोल आया,
आम की अमराइयों में, हरित ने आँचल बिछाया,
सूर्य का लुक-छुप निकलना, मुस्कराना देखकर,
मन मयूरी नृत्य कर, कर मान इतराता रहा है।
आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है।।


भाव का कोई शब्द ही तो, मेरे उर को भेदता है,
गीत की हर पंक्ति बनकर, नव सुगंध बिखेरता है,
बंसुरी की धुन बजाता है, कहीं कान्हा सुरीली,
और चितवन राधिका का, पाँव थिरकाता रहा है।
आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है।।

दीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
आज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे,
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है।।

-यशोधरा यादव 'यशो'

1 comment:

  1. गाते रहो - गुनगुनाते रहो - लाजवाब गीत

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